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व्यष्टि अर्थशास्त्र से आप क्या समझते हैं इसके दो उदाहरण दीजिए/ vyasti arthashastra ka arth
Micro Economics को हिंदी में सूक्ष्म /व्यष्टी अर्थशास्त्र भी कहते हैं। Micro शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के mikros से हुई है जिसका अर्थ होता है बहुत छोटा सा भाग।सूक्ष्म अर्थशास्त्र में अर्थव्यवस्था के छोटे-छोटे भागो का विश्लेषण करके अध्ययन किया जाता है। सूक्ष्म अर्थशास्त्र में व्यक्तिगत इकाईयोंं का अध्ययन किया जाता है। जिसमें व्यक्ति की गृहस्थों, व्यक्तिगत बाजार, एवं व्यक्तिगत फर्मो आदि अध्ययन किया जाता है।
जैसे- मजदूरी कीमत आए उद्योग विशिष्ट वस्तुएं परिवारों विशेष फर्मों आदि का अध्ययन सूक्ष्म अर्थशास्त्र में किया जाता है।
व्यष्टि अर्थशास्त्र की परिभाषा क्या है? / vyasti arthashastra ki paribhasha
प्रोफेसर बोल्डिंग के अनुसार - सूक्ष्म अर्थशास्त्र विशेष फर्मों, विशेष परिवारों, व्यक्तिगत कीमतो, आय, मजदूरीयों, उद्योगों तथा विशिष्ट वस्तुओं का अध्ययन करता है।
व्यष्टि अर्थशास्त्र की तीन विशेषताएं लिखिए /vyashti arthshastra ki visheshta bataiye
1. सूक्ष्म अर्थशास्त्र अर्थव्यवस्था के छोटे भागों का अध्ययन करता है।
2. व्यष्टि अर्थशास्त्र का प्रमुख का अध्ययन है कीमत सिद्धांतों का विश्लेषण करना है।
3. व्यष्टि अर्थशास्त्र में वस्तुओं की कीमत उत्पादन के साधनों की कीमत आदि का अध्ययन किया जाता है।
व्यष्टि अर्थशास्त्र का महत्व/ vyasti arthashastra ka mahatva bataiye
1. सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था को समझने में सहायक -
अर्थव्यवस्था को सूक्ष्म अर्थशास्त्र अलग-अलग भागों में समझने के लिए सहायक होता है। अतः संपूर्ण अर्थव्यवस्था को समझने में सहायक होता है।
2. कीमत निर्धारण में सहायक
उत्पादन के विभिन्न साधनों की सापेक्षिक कीमत किस प्रकार निर्धारित की जाने में सहायक होता है।
3. आर्थिक कल्याण की जांच में सहायक
व्यष्टि अर्थशास्त्र में कल्याण की दशा के परीक्षण हेतु प्रयोग में लाया जाता है ।
4. आर्थिक नियमों के निर्माण में सहायक
व्यष्टि अर्थशास्त्र आर्थिक नियमों के निर्माण में सहायक होता है जैसे उपभोक्ता की बचत का सिद्धांत, मूल्य का निर्धारण करना, मजदूरी की लगान, ब्याज के निर्धारण आज सिद्धांत जैसे जो नियम है व्यष्टि अर्थशास्त्र की ही देन है।
5. आर्थिक निर्णय लेने में सहायक
व्यष्टि अर्थशास्त्र की सहायता से ही उपभोक्ता उत्पादों तथा फर्मों को अपने-अपने क्षेत्रों में निर्णय लेने में काफी सहायता मिलती है।
व्यष्टि एवं समष्टि अर्थशास्त्र एक दूसरे के पूरक है समझाइए
व्यष्टि अर्थशास्त्र एवं समष्टि अर्थशास्त्र अर्थशास्त्र को अध्ययन करने के भिन्न भिन्न शाखाए है ।इनका अध्ययन करने का क्षेत्र भी अलग है । जहॉ व्यष्टि अर्थशास्त्र में कीमते अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान रखती है वही समष्टि अर्थशास्त्र में आय की धारणा महत्वपूर्ण है । ये दोनों एक -दूसरे के प्रतियागी न होकर परस्पर पूरक एवं सहयोगी है । व्यष्टि एवं समष्टि अर्थशास्त्र में परस्पर घनिठ सम्बन्ध है। दोनों एक-दूसरे की सीमाओं व विश्लेषण सम्बन्धी कठिनाइयों का समाधान करती है । दोनो ही विकास एक -दूसरे पर निर्भर करती है ।
प्रो. गार्डनर के शब्दों के अनुसार - समष्टि तथा व्यष्टि अर्थशास्त्र के बीच कोई ऐसी सुनिश्चित रेखा नही खीची गई की जिससे यह ठोस निकर्ष पर पहुचने के लिए व्यष्टिगतसमस्याओं का हल समष्टिगत उपकरणों की सहायता से तथा समष्टिगत समस्याओं का हल व्यष्टिगत उपकरणों से किया जा सकता है ।